हल्द्वानी में लगातार कम हो रहा है गौला नदी का पानी, है खतरे का सिग्नल

हल्द्वानी : हल्द्वानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में लगातार पानी घट रहा है। इस नदी का जलस्तर पिछले 12 सालों में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। मार्च मध्य में ही नदी का जलस्तर मात्र 68 क्यूसेक पहुंचने से नहरों के अंतिम छोर के गांवों में सिंचाई व्यवस्था ठप होने की कगार पर खड़ी हो गयी है। ऐसी स्थिति में गर्मियों में हल्द्वानी को पेयजल के संकट का सामना करना पड़ सकता है। 
इससे हल्द्वानी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट गहराने लग गया है। गौला नदी पर हल्द्वानी की पेयजल व्यवस्था के साथ ही गौलापार, बरेली रोड, रामपुर रोड व कालाढूंगी रोड के ग्रामीण इलाकों की सिंचाई व्यवस्था निर्भर है। वहीं इस साल सर्दी का मौसम शुरू होने से ही बरसात काफी कम हुई है। इससे गौला का पानी लगातार कम होते जा रहा है। 
जानकारी के अनुसार एक हफ्ते पहले गौला नदी का जलस्तर नापा गया था और नदी के जलस्तर में 4 क्यूसेक की कमी आई है। पिछले हफ्ते गोला नदी का जलस्तर 77 क्यूसेक था और अब 70 क्यूसेक के आसपास दर्ज किया गया है। पिछले साल से इसकी तुलना की जाए तो गौला नदी का जल स्तर 250 क्यूसेक से ऊपर था जो कि अब 70 क्यूसेक रह गया है।
पेयजल आपूर्ति के लिए 30 क्यूसेक पानी देने के बाद अब मात्र 38 क्यूसेक पानी ही सिंचाई के लिए शेष रह गया है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनोज तिवाड़ी ने बताया कि गौला बैराज से गौलापार, कालाढूंगी रोड, बरेली रोड व रामपुर रोड को चार मुख्य नहरें निकलती हैं। प्रत्येक नहर को पूरी तरह चलाने के लिए 90 क्यूसेक पानी की जरूरत होती है। काफी कम पानी होने से रोस्टर के हिसाब से नहरों को चलाया जा रहा है। इसके बावजूद मात्र 38 क्यूसेक पानी रहने से नहरों को क्षमता से आधा पानी भी नहीं मिल पा रहा है। इससे नहरों के अंतिम छोर के इलाकों तक पानी पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है। 
वहीं, बचिनगर के पूर्व प्रधान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पानी की कमी से गेहूं की फसल सूखने लगी है। जल्द बरसात नहीं हुई तो फसलों को काफी नुकसान होगा और किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

0 Comments

Leave a Comment

ताजा पोस्ट