इस जिले में ग्लेशियर खिसका, बह गया सीपू-मार्छा को जोड़ने वाला पुल बहा

पिथौरागढ़ : पिछले सप्ताह हुई भारी बर्फबारी के बाद दारमा घाटी में कई जगह ग्लेशियर खिसकने लगे हैं। इसकी चपेट में आने से दारमा घाटी के अंतिम गांव सीपू और मार्छा को जोड़ने वाला सीपू गाड़ पर बना लकड़ी का पुल भी बह गया है। इस पुल का निर्माण पिछले साल ही किया गया था।
इस पुल के टूटने से माइग्रेशन पर जाने वाले सबसे दूरस्थ गांव सीपू के 15 से 20 परिवारों को परेशानी हो सकती है। समिति और ग्रामवासियों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर लकड़ी का नया पुल बनाने की मांग की। सोबला-ढाकर, तिदांग मार्ग पर कई स्थानों पर ग्लेशियर आने से बंद हैं। ग्लेशियर आने से मार्ग बंद होने के कारण अगले माह से माइग्रेशन करने वाले ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सीपू की ग्राम प्रधान शांति सीपाल ने बताया कि पिछले सप्ताह दारमा में बर्फबारी हुई थी। इससे दारमा घाटी में सेला से आगे कई जगहों पर सड़क बंद होने की सूचना मिली है। इस कारण दारमा घाटी के 14 गांवों के लोगों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने जिला प्रशासन की एक टीम को मौके पर भेजकर ग्लेशियर से हुए नुकसान का आकलन कर मूलभूत सुविधाओं की बहाली की मांग की है।
दरअसल, एक सप्ताह पूर्व दारमा घाटी में भारी हिमपात हुआ था। हिमपात के दौरान सीपू गांव के निकट ग्लेशियर खिसक गया। जिसकी चपेट में आने से सीपू गाड़ पर बना नया पैदल पुल बह गया है। जिससे सीपू गांव से सम्पर्क टूट चुका है। हालांकि इस समय यह क्षेत्र जनशून्य रहता है।
आईटीबीपी से इसकी जानकारी मिलने के बाद सीपू गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि अप्रैल से ग्रामीण ग्रीष्मकालीन माइग्रेशन कर वापस इन गांवों की ओर लौटते हैं। सीपू गांव से बीस परिवार माइग्रेशन में जाते हैं।

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