आज बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, ये रहा शुभ मुहूर्त

बदरीनाथ धाम के कपाट आज शाम पांच बजकर 13 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे और इसी के साथ चारधाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा।

 

बदरीनाथ धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे । दोपहर डेढ़ बजे सायंकालीन पूजा हुई । जबकि अपराह्न तीन बजे से कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए मंदिर को गेंदे के फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गयाहै। इस खाल पल के गवाह बनने के लिए पांच हजार से अधिक यात्री बदरीनाथ धाम में हैं। 

परंपरा के अनुसार शीतकाल के छह माह मां लक्ष्मी भगवान नारायण के साथ गर्भगृह में ही विराजेंगी। कपाटबंदी के बाद 18 नवंबर को भगवान नारायण के बालसखा उद्धवजी और देवताओं के खजांची कुबेरजी की डोली पांडुकेश्वर और आद्य शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी।

रावल धारण करते हैं स्त्री का रूप

धाम के रावल को कपाट करने से पूर्व कई धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करना पड़ता है। उन्हें मां लक्ष्मी को मंदिर परिक्रमा परिसर से गर्भगृह तक लाने के लिए स्त्री का रूप धारण करना पड़ता है। इस दौरान वो मां लक्ष्मी की सखी की भूमिका मेंहोते हैं। इसी के साथ माणा में जनजाति की कुंवारी कन्याओं के तैयार किए ऊन के कंबल पर घी का लेपन कर भगवान बदरी नारायण को ओढ़ाया जाता हैं। इसी कंबल के टुकड़े कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं।

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