यहां स्थापित पहली ऐसी वाटिका जहां खिला ब्रह्मकमल, जानें इसकी खासियत

चमोली : केदारनाथ में स्थापित ब्रह्मवाटिका में हिमालयी जड़ी बूटियों और फूलों के संरक्षण की मंशा से तैयार ब्रहम वाटिका में ब्रहम कमल खिलना शुरू हो गया है। जबकि कई पौधों पर इस सप्ताह में और भी ब्रह्मकमल खिल जाएंगे। बता दें यह फूल हिमालय की वादियों में तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर केवल रात में खिलता है और सुबह होते ही यह फूल बंद हो जाता है। यह फूल बेहद ठंडे इलाकों में पाया जाता है।
अब मंदिर में ही उन्हें इस फूल के दर्शन हो जाएंगे। लोगों की मांग को देखते हुए केदारनाथ मंदिर परिसर के पास केदारनाथ घाटी में ब्रह्मकमल वाटिका तैयार की जा रही है। वर्ष 2017 में केदारनाथ में पुलिसकर्मियों ने ब्रह्मकमल फूलों की एक वाटिका तैयार की थी। यह इंसान की बनाई गई पहली ऐसी वाटिका है जिसमें ब्रह्मकमल खिले हैं। इस वाटिका को तैयार करने में करीब तीन साल लगे थे। पुलिस की तैयार की गई ब्रह्मवाटिका को वन विभाग ने टेकओवर कर लिया था।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से मंदाकिनी नदी के दूसरी तरफ ध्यान गुफा के समीप ब्रह्मकमल के उत्पादन के लिए दो प्लाट और भैरवनाथ मंदिर के समीप एक प्लाट तैयार किया गया। इन प्लाटों में ब्रह्मकमल की 200-200 पौध रोपी गईं थीं। दो दिन पूर्व ध्यान गुफा के समीप वाली वाटिका में एक ब्रह्मकमल का पुष्प खिला है। डीएफओ केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर/चमोली के अमित कंवर ने बताया कि तीनों प्लाट में ब्रह्मकमल की ज्यादातर पौध सुरक्षित व स्वस्थ हैं। 

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