चम्पावत के मेजर गोविंद जोशी को मिला सेना मेडल, अपनी विरासत में मिला अदम्य साहस

चम्पावत : पिछले साल लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के खिलाफ चलाए ऑपरेशन में अदम्य साहस दिखाने पर चम्पावत के टनकपुर निवासी मेजर गोविंद जोशी को सेना मेडल से सम्मानित किया गया है। विष्णुपुरी कॉलोनी निवासी वर्तमान में मेजर गोविंद लद्दाख में सेना के स्पेशल फोर्स में तैनात हैं।  
मेजर गोविंद जोशी को यह अदम्य साहस अपनी विरासत में मिला। सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले मेजर गोविंद अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की सेना अधिकारी हैं। उन्होनें अपने दादा सूबेदार दुर्गादत्त जोशी, पिता सूबेदार मेजर बृजमोहन जोशी (19 कुमाऊं) तथा बड़े भाई कर्नल भुवन जोशी के मार्गदर्शन में देश सेवा को अपना भविष्य चुना।
उनके पिता सूबेदार मेजर जोशी ने बताया कि बचपन से ही मेजर गोविंद को शहीद छोटे दादा प्रेमबल्लभ से विशेष प्रेरणा मिली। उन्होंने 1962 के भारत-चीन के युद्ध में देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। मेजर जोशी 21 मार्च 2009 को ओटीए चेन्नई से सेना अधिकारी बने। देश सेवा के 12वें साल में उन्हें सेना मेडल से नवाज गया है। उनकी प्राथमिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या मंदिर, राधेहरि इंटर कालेज (टनकपुर) से तथा स्नातक डीएसबी परिसर कुमाऊं विवि नैनीताल से हुई। सेना मेडल (वीरता) मिलने पर पूरे परिवार में खुशी की लहर है।

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