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2023 तक तैयार होगी उत्तराखंड की सबसे लंबी मोटरेबल टनल, जानें इसकी विशेषताएं
उत्तरकाशी : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच राज्य की सबसे लंबी डबल लेन मोटरेबल टनल का निर्माण कार्य चल रहा है। माना जा रहा है कि 2023 से इस टनल पर सफर शुरू हो जाएगा। 4.5 किमी लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 31.5 किमी कम हो जाएगी। ये टनल उत्तराखंड की सबसे बड़ी मोटर टनल होगी। यानी यमनोत्री से गंगोत्री जाने में 45 मिनट की बचत होगी।
चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धरासू, जो गंगोत्री हाईवे पर एक छोटा सा मार्केट है, यहां से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुरू होता है। धरासू से यमुनोत्री के अंतिम सड़क पड़ाव जानकीचट्टी की दूरी 106 किमी है। सर्दियों में बर्फबारी के कारण करीब सात हजार फीट की ऊंचाई वाले राड़ी टाप क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण यमुनोत्री राजमार्ग बाधित हो जाता है जिससे यमुना घाटी की एक बड़ी आबादी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। इसके अलावा सिंगल लेन सड़क और घुमावदार मोड़ों के कारण यहां यात्रा सीजन में जाम और दुर्घटनाएं आम बात थी। चारधाम रोड परियोजना के तहत इस हिस्से में डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी। इससे चौड़ीकरण होने पर बड़ी मात्रा में होने वाला पेड़ों का कटान भी बच गया। राड़ी टॉप के इस हिस्से में रोडोडेंड्रॉन का डेन्स फ़ॉरेस्ट है। यदि सड़क चौड़ीकरण का काम होता, तो हजारों पेडो की बलि देनी पड़ती. ये पर्यावरण के लिहाज से एक बड़ा नुकसान हेाता।
2019 में शुरू हुआ था कार्य
इस टनल का निर्माण कार्य 17 जनवरी 2019 को शुरू हुआ। करीब 54 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 2023 तक इसका निर्माण कार्य कम्प्लीट हो जाएगा। अभी तक काम के दौरान करीब 18 बार कई स्थानों पर निर्माण के दौरान सुरंग कॉलेप्स भी हुई, लेकिन, एक्सपर्ट इंजीनियरों की मदद से समय रहते इसे भांप लिया गया। काम लगातार जारी है। सुरंग में अभी तक कोई दुर्घटना घटित नहीं हुई।
टनल की विशेषताएं
ये टनल न्यू आस्टियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से बनाई जा रही
ये टनल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी
इस टनल का डिजाइन ऑस्ट्रिया में तैयार हुआ है।
ये टनल देशभर में अब तक बनाई गई सभी सुरंगों में सबसे अधिक डायमीटर वाली होगी
सुरंग में आने-जाने के लिए अलग-अलग लेन होगी
लेन के बीच में 400 एमएम मोटी डिवाइडर वाल होगी। यानी दुर्घटना का खतरा नहीं होगा।
टनल का निर्माण कार्य 17 जनवरी 2019 को शुरू हुआ था।
वायु गुणवत्ता और वेग की निगरानी
आग की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उच्च दबाव जल धुंध प्रणाली
सुरंग के अंदर सुरक्षित ड्राइविंग की सुविधा के लिए स्वचालित प्रकाश नियंत्रण प्रणाली
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