उत्तराखंड में दीपावली पर नहीं होगी बाजारों में चाइनीज पटाखों की बिक्री

उत्तराखंड : चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर अब त्योहारी बाजार पर भी दिखेगा। इस बार दीपावली पर जहां चीन निर्मित पटाखे नहीं बिकेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ चाइना निर्मित सजावटी सामान व खाद्य सामग्रियों का भी बाजार ठप रहेगा।
उत्तराखंड में भी इस बार दीपावली पर चाइनीज या अन्य देशों से आयातित पटाखों की बिक्री नहीं होगी। पिछले कई सालों से पटाखों के आयात लाइसेंस पर प्रतिबंध होने के बाद भी दीपावली पर बाजारों में चाइनीज पटाखे खूब बिकते हैं।
इस बारे में केंद्र ने इस बार आयातित पटाखों की बिक्री रोकने के लिए राज्यों को सख्त कदम उठाने के दिशा-निर्देश दिए हैं। जल्द ही सरकार की ओर से जिलाधिकारियों को पटाखों के आयात और बिक्री रोकने के लिए निर्देश जारी किए जाएंगे।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से इस बार चोरी-छिपे हो रहे पटाखों के आयात और बिक्री को रोकने के लिए राज्यों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। कोई भी व्यापारी बिना लाइसेंस के न ही पटाखों का स्टॉक रख सकेगा और न ही बेच सकेगा। देश में बनने वाले पटाखों को ही बेचने की अनुमति है।
पटाखा व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल स्वदेशी पटाखों का कारोबार राज्य में करीब 10 करोड़ रुपए का हुआ था। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के मद्देनरज काराेबार आधा रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

डीएम द्वारा जारी किए जाते हैं लाइसेंस
पटाखों की बिक्री के लिए डीएम द्वारा अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं। वहीं, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पटाखों की बिक्री को प्रतिबंधित कर, पटाखा कारोबार के लिए एक निश्चित स्थान तय किया जाता है।
यदि इस बार किसी दुकान पर चाइनीज पटाखे बेचे जाते हैं तो विक्रेता को यह बताना होगा कि उन्होंने पटाखे कहां से खरीदे हैं। इसके द्वारा आयातित पटाखों का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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