राज्य सरकार ने उठाया गंगोत्री से केदारनाथ धाम की दूरी कम करने हेतु पहला कदम

उत्तराखंड : राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सड़क कनेक्टिविटी और पुलों के निर्माण को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल पहले से किये हुए है। अब राज्य सरकार ने महत्वाकांक्षी मोटर मार्ग के निर्माण की दिशा में पहला कदम उठया है।
सरकार गंगोत्री से बूढ़ाकेदार और केदारनाथ का नया रोड नेटवर्क तैयार करने की संभावना तलाश रही है। और अब भटवाड़ी से बूढ़ाकेदार तक 45.50 किमी मार्ग बनाने के लिए सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है। इसके पहले चरण की इस प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति के तहत मार्ग के सर्वे के लिए 6.56 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। वही सचिव लोनिवि आरके सुधांशु के निर्देश पर इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है।
कुछ महीनों पहले जब मुख्यमंत्री बूढ़ाकेदार गए थे, तब स्थानीय लोगों ने सदियों पुराने इस पैदल चार धाम मार्ग को मोटर मार्ग में बदलने की मांग की थी। पिछले लगभग एक दशक से इस मोटर मार्ग को बनाने की संभावना को लेकर शासन स्तर पर भी कसरत चल रही थी।
हरिओम शर्मा (विभागाध्यक्ष, लोनिवि) ने बताया कि यह योजना लंबे समय से प्रस्तावित है। शासन ने पहले चरण के प्रारंभिक सर्वे का आदेश जारी कर दिया है। सर्वे के बाद मोटर मार्ग की डीपीआर तैयार की जाएगी।

210 किमी रह जाएगी दूरी
मुख्यमंत्री के आदेश पर अब मार्ग के पहले चरण के लिए सर्वेक्षण को मंजूरी दे दी गई है। टिहरी निवासी आरपी उनियाल इस मार्ग को बनाए जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से लगातार पत्राचार कर रहे हैं।
उनके मुताबिक, बूढ़ाकेदार तक मोटर मार्ग बनने के बाद तीर्थाटन का नया सर्किट तैयार होगा। इससे आगे घुत्तू वाया पावली कांठी से त्रियुगीनारायण तक दूसरे चरण के मोटर मार्ग निर्माण से यह सोनप्रयाग से जुड़ जाएगा। इस तरह यह चारधाम मार्ग से कनेक्ट हो जाएगा।
उनका दावा है कि अभी गंगोत्री से केदारनाथ जाने के लिए करीब 354 किमी का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन प्रस्तावित मोटर मार्ग के बनने से यह दूरी करीब 210 किमी ही रह जाएगी। इस तरह करीब 144 किमी दूरी कम हो जाएगी।

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