गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने की कुंभ मेले के निर्माण कार्यों की समीक्षा

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के हरिद्वार दौरे से पहले मंगलवार को गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने कुंभ मेले के निर्माण कार्यों की समीक्षा की। 15 दिसंबर तक पूरे होने वाले कई स्थाई कार्य अब 31 दिसंबर तक पूरे होंगे। जनवरी से पहले कुंभ के कार्य पूरे कर लिये जाएंगे। मंगलवार को आयुक्त ने सीसीआर में बैठक की, जबकि गुरुवार को मुख्यमंत्री का हरिद्वार दौरा है। इसमें मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक और कुंभ कार्यों का निरीक्षण करेंगे।
आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन ने मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) हरिद्वार में कुम्भ 2021 में होने वाले स्थायी, अस्थायी कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्य पूर्ण करें। कार्यों में गुणवत्ता व पारदर्शिता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ऋषिकेश में आस्थापथ पर बाढ़ नियंत्रण की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। हाई पावर कमेटी में स्वीकृत अस्थाई कार्य ड्रेसिंग, समतलीकरण पार्किंग, निजी भूमि लेने की सम्भव कार्रवाई पूर्ण कर ली जाए। गढ़वाल आयुक्त ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि कुंभ के लिए किये जाने वाले स्थायी प्रकृति के कार्य गतिमान हैं।
80 प्रतिशत स्थायी प्रकृति के कार्य 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो जाएंगे। शेष 20 प्रतिशत कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जाएंगे। कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण कार्य प्रभावित हुए हैं, फिर भी विभागों ने अच्छा कार्य किया है। कुंभ के दौरान कोविड नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंस, मास्क, साफ-सफाई व्यवस्था, बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल इत्यादि की उचित व्यवस्था की जाएगी।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत, डीएम सी रविशंकर, एसएसपी कुंभ मेला जन्मजेय खंडूरी, अपर मेलाधिकारी डा. ललित नारायण मिश्रा, हरबीर सिंह, रामजीशरण शर्मा, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, किशन सिंह नेगी, दयानंद के अलावा वित्त नियंत्रक वीरेन्द्र कुमार, नगर आयुक्त जयभारत सिंह, विद्युत, लोकनिर्माण विभाग, सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अभियन्ता आदि मौजूद रहे। अब मेला प्रशासन का अस्थायी प्रकृति के कार्यों पर ज्यादा फोकस है। सड़क, पुल, बैरिकेड इत्यादि कार्यों के संबंध में संबंधित विभागों ने टेंडर की कार्रवाई कर ली है, अधिकांश कार्यों के टेंडर शासन में स्वीकृति के लिए जा चुके हैं। शासन से जल्द ही अनुमोदन का अनुमान है। अभी कई ऐसे अस्थाई काम है, जिनको शासन की ओर से अनुमति नहीं मिली है। कुछ ऐसे भी काम है, जिनको पूरा होने में एक से डेढ़ माह लगेगा। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि जनवरी से पहले अस्थाई कार्य कैसे पूरे होंगे। ऊर्जा निगम का 12 करोड़ का अस्थाई काम है, वहीं हरकी पैड़ी पर यात्रियों के लिए गंगा घाटों की सुरक्षा व्यवस्था में 91 लाख रुपये का काम होना है। लेकिन इस कार्यों को अभी तक शासन से अनुमति नहीं मिली है।

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