हल्द्वानी में तैयार देश का पहला पॉलीनेटर पार्क का किया गया उद्घाटन

हल्द्वानी: देश का पहला पॉलीनेटर (परागण सहयोगी) पार्क उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी में बनकर तैयार हो गया है। यह पार्क चार एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है। यहां तितलियों, मधुमक्खियों, चमगादड़, पक्षियों और कीटों की 50 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद हैं। पार्क में इनके पसंदीदा फूल और तालाब भी बाए गए हैं। ताकि पेड़-पौधों के जीवन को विस्तार देने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रोल निभाने वाले छोटे प्राणी यहीं अपने घोसले, छत्ते, घरौंदे बना सकें। धरती पर मौजूद तकरीबन 75-95 प्रतिशत तक फूलों वाले पौधे को परागण की जरूरत होती है।


मुख्य वन संरक्षक (शोध) संजीव चतुर्वेदी ने बताया, कि उत्तराखंड वन विभाग की शोध शाखा द्वारा चार एकड़ से ज्यादा जमीन पर विकसित इस रंगबिरंगे पार्क का मंगलवार को प्रख्यात तितली विशेषज्ञ पीटर स्मेटासेक ने उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस पार्क को विकसित करने का उद्देश्य विभिन्न पॉलिनेटर प्रजातियों को संरक्षित करना, इन प्रजातियों को संरक्षित करने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना तथा परागण के विभिन्न पहलुओं जैसे उनके आवासों पर खतरे तथा प्रदूषण का उन पर प्रभाव आदि पर शोध को बढ़ावा देना है। 


चतुर्वेदी ने बताया कि पार्क में रस और परागकण पैदा करने वाले फूलों जैसे गेंदा, गुलाब, गुडहल, चमेली आदि की पौध लगाकर विभिन्न पॉलीनेटरों के लिए उपयुक्त प्राकृतिक आवास बनाए गए हैं जहां मधुमक्ख्यिां, तितली, पक्षी और कीटों को अनुकूल वातावरण मिलेगा। उन्होंने बताया कि पार्क में साल्विया, आस्टर, कॉसमोस आदि सर्दियों के पौधे तथा सूरजमुखी, गिनी आदि गर्मियों के मौसमी पौधे भी लगाए गए हैं। पक्षियों और तितलियों की विभिन्न प्रजातियों को आकर्षित करने के लिए पक्षियों के लिए खाना जैसे अनाज और कटे फल तथा घोंसले भी पूरे पार्क में रखे गए हैं। इसी प्रकार जामुन तथा नीम और सेमल आदि फलों और आश्रय देने वाले वृक्ष भी पार्क में उगाए गए हैं जबकि पोखर आदि बनाकर जल की व्यवस्था की गयी है। 

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