176 जवान बने थल सेना के अभिन्न अंग

उत्तराखंड : आज गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के 176 जवान सेना की ट्रेनिग का अंतिम चरण पार कर भारतीय थल सेना के अभिन्न अंग बन गए। परेड के समीक्षा अधिकारी कर्नल विनीत वाजपेयी ने जवानों से मातृभूमि की रक्षा की खातिर अपना सर्वस्व न्योछावर करने का आह्वान किया।
आज शनिवार को गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के भवानी दत्त परेड ग्राउंड में कोर 95 के 176 जवानों के लिए कसम परेड समारोह आयोजित किया गया। जवानों ने शानदार ड्रिल का प्रदर्शन कर समीक्षा अधिकारी कर्नल विनीत वाजपेयी को सलामी दी।
कर्नल वाजपेयी ने परेड को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशसेवा का जज्बा रखने वाले युवाओं के लिए सेना से बेहतर विकल्प कोई नहीं। गढ़वाल रेजीमेंट के बहादुरी के किस्से पूरे विश्व में मशहूर हैं। उन्होने कसम ग्रहण करने वाले सैनिकों के स्वजनों को भी सेना परिवार में शामिल होने की बधाई दी।
राइफलमैन नवीन सिंह को कोर-95 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वहीं राइफलमैन प्रकाश सिंह बिष्ट को रजत और राइफलमैन नीरज पंत को कांस्य पदक से नवाजा गया। प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जवानों को भी कसम परेड में सम्मानित किया गया।
राइफलमैन प्रीतम सिंह बिष्ट को सर्वश्रेष्ठ ड्रिल, राइफलमैन मोहित सिंह को बेस्ट इन फिजिकल और बेस्ट फायरिग के लिए संचित नेगी को पुरस्कार मिले। 'ख' कंपनी के हवलदार महेंद्र सिंह को उत्तम प्रशिक्षक, सूबेदार मुकेश चंद को उत्तम प्लाटून कमांडर के खिताब से नवाजा गया। प्रशिक्षण के दौरान आयोजित सभी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चैंपियनशिप बैनर 'ख' कंपनी को मिला, जिसे जेसीओ सूबेदार हीराबल्लभ ने लिया।

कोरोना संक्रमण के कारण स्वजनों को रहना पड़ा दूर
अपने लाडले बेटे को भावी सैनिक बनते देखना माता-पिता की तमन्ना होती है। गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेटर की ओर से इस पल का गवाह बनने के लिए कसम ग्रहण करने वाले सैनिकों के स्वजनों को गढ़वाल के हर जिले से विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता था। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से  ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया । कसम परेड समारोह के दौरान केंद्र की गाइडलाइन का पूरी तरह अनुपालन किया गया और परेड के दौरान भी सोशल डिस्टन्सिंग का विशेष ध्यान रखा गया।

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