पर्यटन के लिए राज्य में जल्द शुरू होगी कैंपिंग और राफ्टिंग

उत्त्तराखंड : कोरोना संक्रमण के बीच एडवेंचर स्पोर्ट्स के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है कि एक अक्टूबर से राज्य में रिवर राफ्टिंग शुरू होने जा रही है। जो लोग कैंपिंग और ट्रैकिंग के लिए उत्तराखंड आना चाहते हैं, वो भी यहां आ सकते हैं। राज्य पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है।
राज्य सरकार ने भी कोरोना नियमों में ढील दी है ताकि अधिक से अधिक पर्यटक उत्तराखंड आ सकें। पर्यटकों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की गई हैं। इनके अनुसार अब पर्यटक बिना कोरोना की जांच कराये उत्तराखंड आ सकेंगे। उनके लिए बॉर्डर पर अनिवार्य कोरोना जांच की शर्त भी हटा ली गई है। इसके अलावा राज्य के होटल और होम स्टे में कम से कम दो रात रुकने की जरुरी शर्त भी खत्म कर दी गई है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में पर्यटन उद्योग रफ्तार पकड़ेगा।
एक अक्टूबर से शुरू होने जा रही कैंपिंग के लिए कैंप संचालक अपनी तैयारियों में जुटे हैं। इसके अलावा वॉटर स्पोर्ट्स से संबंधित गतिविधियों को भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। कैंप संचालक और वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के ऑर्गनाइज करने वाले संस्थान पर्यटकों के उत्तराखंड ट्रिप को यादगार बनाने की तैयारी में जुटे हैं।
ऋषिकेश में कौड़ियाला से मुनिकीरेती तक इको टूरिज्म जोन रिवर राफ्टिंग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। मार्च में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद यहां गंगा में संचालित होने वाली रिवर राफ्टिंग और बंजी जंपिंग समेत बाकी सभी एडवेंचर स्पोर्ट्स संबंधी गतिविधियों को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब लॉकडाउन के बाद राज्य सरकार हर प्रकार की सावधानी बरतते हुए पर्यटकों के स्वागत के लिए सभी जरुरी इंतजाम कर रही है।
सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के बाद अब पर्यटक बेरोक-टोक उत्तराखंड में आ सकते हैं। उनको अब बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट नहीं कराना होगा। न ही उन्हें 96 घंटे पहले की कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। वे जितने दिन चाहे यहां रह सकते हैं। उन्हें सिर्फ राज्य में आने से पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। राज्य सरकार के इस फैसले से होटल, होम स्टे और पर्यटन से जुड़े कारोबारी खुश हैं। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, साथ ही इससे कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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