अब कण्व नगरी के नाम से जाना जाएगा कोटद्वार, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दी स्वीकृति

कोटद्वार : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नगर निगम कोटद्वार का नाम बदलकर कण्व ऋषि के नाम पर कण्व नगरी कोटद्वार रखने पर स्वीकृति प्रदान की है। अब नगर निगम कोटद्वार कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जायेगा। दरअसल स्थानी लोग लंबे समय से कोटद्वार के नाम को बदले जाने को लेकर कई बार मांग कर चुके हैं। अब ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों की जन भावनाओं और कोटद्वार के पुराने इतिहास को देखकर कोटद्वार का नाम कण्व ऋषि के नाम पर रखने की मंजूरी दे दी है।

उठती रही नाम बदलने की मांग
बता दें महर्षि कण्व की तपस्थली और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम कोटद्वार शहर से करीब 14 किलोमीटर के फासले पर स्थित है। इसलिए कोटद्वार शहर की पहचान महर्षि कण्व के नाम से भी है। इसे लेकर समय-समय पर कोटद्वार का नाम बदलने की मांग उठती रही, जिसे अब सीएम की सहमति भी मिल गई है। यानी कोटद्वार को अब कण्व नगरी कोटद्वार के नाम से जाना जाएगा। 

पहले बदला गया कलालघाटी का नाम 
पौड़ी गढ़वाल जिले के प्रवेश द्वार कोटद्वार स्थित कलालघाटी का भी नाम बदला गया है। उसे अब कण्वघाटी के नाम से जानी जा रहा है। कोटद्वार नगर निगम ने कलालघाटी का नाम बदलकर कण्वघाटी करने के शासन को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर पिछले साल दिसंबर में मुहर लगाई थी। 

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