रक्षा मंत्रालय ने लैंसडाउन में डॉप्लर रडार लगाने को दी हरी झंडी, लंबे समय से था लंबित

उत्तराखंड : प्रदेश के लैंसडौन सेना छावनी क्षेत्र में डॉप्लर रडार लगाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने मौसम विभाग को हरी झंडी दे दी है। राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी रक्षा मंत्रालय से इस संबंध में लगातार प्रयास कर रहे थे। सेना के नियम सुरक्षा मानकों के कारण यह परमिशन काफी लंबे समय से लटकी पड़ी थी और इसको लेकर कई दौर की बातचीत भी की जा चुकी थी। अब जाकर उनकी कोशिशें रंग लाई।
बलूनी ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में प्रस्तावित तीन डॉप्लर रडार स्थापित होने हैं। इनमें सुरकंडा (टिहरी) और मुक्तेश्वर (नैनीताल) पर कार्य जारी है। किंतु चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी क्षेत्र के मौसम का पूर्वानुमान बताने वाले डॉप्लर रडार जिसे लैंसडाउन (पौड़ी) क्षेत्र में स्थापित होना था, लंबे समय से लंबित था। उन्होंने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने डॉप्लर रडार की स्थापना के लिए सबसे प्रभावी लोकेशन सेना छावनी लैंसडाउन चयनित की थी। किंतु सेना के नियमों, प्रोटोकॉल और सुरक्षा मानकों के कारण डॉप्लर रडार की स्थापना में विलंब हो रहा था।
सांसद बलूनी के द्वारा निरंतर रक्षा मंत्री और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ संवाद जारी था। रक्षा मंत्रालय ने अनापत्ति पत्र जारी करके बताया है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग को लीज पर भूमि प्रदान की है, शीघ्र ही उक्त स्थान पर डॉप्लर रडार की स्थापना होने से मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिल सकेगी।’सांसद बलूनी ने इस सहयोग हेतु माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड में डबल इंजन का विकास मॉडल स्पष्ट दिखाई दे रहा है।
बता दें कि डॉप्लर वेदर रडार से 400 किलोमीटर तक के क्षेत्र में होने वाले मौसमी बदलाव के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह रडार डॉप्लर इफेक्ट का इस्तेमाल कर अतिसूक्ष्म तरंगों को भी कैच कर लेता है। जब अतिसूक्ष्म तरंगें किसी भी वस्तु से टकराकर लौटती हैं तो यह रडार उसकी दिशा को आसानी से पहचान लेता है।
लैंसडाउन में डॉप्लर राडार लगने से रुद्रप्रयाग चमोली और पौड़ी के मौसम के पूर्वानुमान में बड़ी मदद मिलेगी। उत्तराखंड में इससे पहले दो डॉप्लर रडार नई टिहरी के सुरकंडा और नैनीताल के मुक्तेश्वर में लगाए जाने का काम किया जा रहा है। यानी कि अब आपदा के क्षेत्र मौसम के पूर्वानुमान को लेकर इन डॉप्लर रडार को लगने से बड़ी मदद प्रदेश को मिलने जा रही है।

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