उत्तराखंड के जंगलों में आग को बुझाने के लिए आपरेशन शुरू, पढ़िए खबर

उत्तराखंड : प्रदेश के जंगलों में लगी आग कम होने के बजाए विकराल रूप लेती ही जा रही है। इससे वन क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के साथ सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। आग पर काबूू पाने के लिए प्रदेश में एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। ये हेलीकॉप्टर केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए उपलब्ध कराए हैं। 
सोमवार को एक हेलीकॉप्‍टर ने टिहरी गढ़वाल के कोटी कॉलोनी के लिए उड़ान भरी। वायुसेना के हेलीकॉप्‍टर ने कोटी के आसपास के जंगलों में लगी आग को बुझाने का कार्य शुरू कर दिया है। 5000 लीटर क्षमता वाली बाम्बी बकेट की मदद से टिहरी झील से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। पहले दौर में अडवानी के जंगल में पानी का छिड़काव किया गया। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2016 में जंगलों की आग पर नियंत्रण को सेना के हेलीकाप्टरों की मदद ली गई थी।
दूसरा हेलीकॉप्टर हल्द्वानी में तैनात रहेगा और भीमताल झील से पानी लेगा। सोमवार को मौसम खराब होने के चलते एक हेलीकॉप्टर भीमताल नहीं पहुंच सका। डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया कि मौसम खराब होने से हल्द्वानी से भीमताल नहीं आ पाया। मंगलवार की सुबह हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में लगी आग पर छोड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में अभी  40 जगहों पर आग लगी है। बीते चौबीस घंटों में ही 63 हेक्टेयर जंगल बर्बाद हो गए हैं। वहीं, आग बुझाने के लिए 12 हजार कर्मचारी जुटे हुए हैं। ‘फायर वॉचर्स’ को 24 घंटे निगरानी रखने को कहा गया है। पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करके उनसे सूखी झाड़ियां साफ करवाई जा रही हैं। एनडीआरएफ की तैनाती का भी फैसला लिया गया है। साथ ही वन विभाग के सभी अफसरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
वहीं, महाकुंभ मेला क्षेत्र के बैरागी कैंप में रविवार को एक बार फिर आग लगने से कई झोपड़ियां राख हो गईं। पुलिस ने बताया कि हवा के कारण आग तेजी से फैल रही है। बजरी वाला बस्ती में लगी आग पर काबू पाने में दमकल की छह गाड़ियों को मशक्कत करनी पड़ी।

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