दूरस्थ इलाकों में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए मोबाइल वैन की व्यवस्था, हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश

नैनीताल : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पहाड़ी इलाकों के दूरस्थ इलाकों में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने के लिए मोबाइल वैन की व्यवस्था करने, अस्पतालों में आईसीयू-ऑक्सीजन बेड बढ़ाने और सीटी स्कैन मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, कर्मचारियों को पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश पारित किए हैं।
हाईकोर्ट ने डीआरडीओ और अन्य केंद्रीय संस्थाओं की मदद से राज्य में कोविड संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए अस्थायी अस्पताल बनाने, सरकारी अस्पतालों में सिटी स्कैन, कम से कम जिला अस्पतालों में अनिवार्य रूप से यह सुविधा मुहैया कराने के निर्देश सरकार को दिए हैं।
कोर्ट ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्राइवेट अस्पताल कम से कम 25 प्रतिशत बेड बीपीएल मरीजों के लिए आरक्षित रखेंगे और उनका उपचार करेंगे। कोर्ट ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने निजी अस्पतालों में ओवरचार्जिंग पर रोक लगाने, स्वास्थ्य सचिव को रोजाना अस्पतालों के खाली बेड, टेस्ट के नतीजे आदि सार्वजनिक करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में मैनाली की ओर से कोविड अस्पतालों की कमी, कम टीकाकरण, इंजेक्शन की कमी, 17 अप्रैल को एक दिन में 37 मरीजों की मौत होने आदि के मामले में प्रार्थनापत्र दिया था। बता दें कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तिथि तय की है। 

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