चमोली में टूटा ग्लेशियर, आठ शव मिले, छह गंभीर, 384 लोगों को सुरक्षित निकाला

चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से मुश्किल आ पड़ी है। बीते शुक्रवार को नीती घाटी के सुमना में बर्फबारी के बाद ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है। घटना के चलते हुए भूस्खलन में कई लोग फंस गए थे। लोगों को बचाने में सेना का अभियान जारी है। यह लोग कल शाम तक बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के कैंप में काम कर रहे थे। 


भारतीय सेना की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, राहत बचाव के दौरान 384 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इसमें छह की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, सेना ने आठ लोगों के शव बरामद कर लिए हैं।
सेना ने बताया था कि 23 अप्रैल को करीब 4 बजे सुमना-रिमखिम रोड पर सुमना से 4 किलोमीटर पहले एक भूस्खलन हुआ था। यहां रोड निर्माण चल रहा था, जिसके लिए पास में बीआरओ के दो कैंप थे। जिनमें से एक कैंप बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया था। सुमना से तीन किलोमीटर दूर एक आर्मी कैंप भी स्थित है। चीन की सीमा से सटे जोशीमठ सेक्टर के सुमना इलाके में यह घटना हुई है। भापकुंड से सुमना तक रास्ते की सफाई की जा रही है। 
हादसे के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा, "नीति घाटी में भूस्खलन हुआ है। मैंने इस बारे में चेतावनी जारी की है। मैं लगातार जिला प्रशासन और बीआरओ के संपर्क में हूं। एनटीपीसी और दूसरे प्रोजेक्ट पर भी रात में काम रोकने का आदेश दे दिया गया है।"


सीएम ने पूरे हादसे की सूचना गृहमंत्री अमित शाह को भी दी। गृहमंत्री ने उत्तराखंड की पूरी मदद करने का वायदा किया है और ITBP को सावधान रहने का निर्देश दिया।
बता दे कि बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। बताया गया कि बर्फबारी के बीच भी सेना ने रेस्क्यू जारी रखा। रात्रि को रेस्क्यू आपरेशन को रोकने के बाद आज सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया। वहीं, सीएम तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को हेलीकाप्टर से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया है।

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