हरिद्वार के रुड़की के निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से पांच लोगों की मौत, दिए जांच के आदेश

रूड़की : उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रूड़की के एक निजी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन ना मिलने से एक महिला सहित पांच कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। रूड़की के विनय विशाल अस्पताल में सोमवार और मंगलवार की मध्यरात्रि में कथित तौर पर ऑक्सीजन समाप्त हो गयी और थोड़ी देर के बाद ही उसे सुचारू किया जा सका। लेकिन इस बीच वेंटिलेटर पर रखे एक मरीज और चिकित्सकीय ऑक्सीजन से सांस ले रहे चार अन्य मरीजों की मौत हो गई।
मामला सामने आने के बाद रुड़की के जॉइंट मैजिस्ट्रेट ने जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि उन्होंने रुड़की की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को रात दस बजे ही इस संकट की जानकारी दे दी थी। लेकिन प्रशासन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। 
रुड़की की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने एक संदेश भेजा था। इसके बाद रात को ही आक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई। अस्पताल प्रबंधन को सेंट्रल सिस्टम के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था भी रखनी चाहिए थी। दूसरी ओर सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 
उधर प्रशासन की मानें तो हॉस्पिटल में केवल मैसेज भेजकर लिक्विड ऑक्सीजन की मांग की गई थी, जबकि सुबह पता चला कि अस्पताल के पास पर्याप्त ऑक्सीजन सिलिंडर भी नहीं थे और ना ही पर्याप्त ऑक्सीजन बैकअप ।
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित अस्पताल का चिकित्सकीय लेखा परीक्षण भी किया जाएगा जिसके लिए रुड़की के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और दो अन्य चिकित्सकों की जांच टीम गठित की गई है। यह टीम अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता, मांग व आपूर्ति सहित मरीजों की संख्या आदि बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट देगी, रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। 
बता दें कि रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल को कोविड सेंटर बनाया गया है। यहां 70 बेड हैं। इनमें से 50 पर सेंट्रल सिस्टम और 20 पर सिलिंडर से आक्सीजन दी जा रही है। फिलहाल यहां 85 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। सोमवार देर रात अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने लगी थी। ऑक्सीजन आपूर्ति के प्रयास के बीच डेढ़ बजे ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गई। करीब बीस मिनट बाद जब तक ऑक्सीजन पहुंची और आपूर्ति सुचारू हुई, तब तक वेंटिलेटर पर लेटे एक मरीज और सिलिंडर से ऑक्सीजन ले रहे चार मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई।

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