अब तक प्रदेश के चार जिलों में 112 बच्चों हुए कोविड संक्रमित, सबसे ज्यादा केस रुद्रप्रयाग में

उत्तराखंड : प्रदेश में कोरोना अब बच्चों को भी निशाना बना रहा है। प्रदेश के चार जिलों में 112 बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें नवजात शिशु के साथ ही दो साल के बच्चे भी शामिल हैं। 
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से कोविड की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए आयोजित वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह जानकारी दी। संक्रमित होने वाले बच्चों में सबसे अधिक बच्चे रुद्रप्रयाग जिले के हैं। यहां 44 बच्चे संक्रमित हुए हैं। 
बैठक में रुद्रप्रयाग जिले की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.नीतू तोमर ने बताया कि जिले में 44 बच्चे संक्रमित हुए हैं। जिनमें एक नवजात शिशु है। जबकि अन्य बच्चे दो से 13 साल के हैं। सभी बच्चों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। यह भी बताया गया कि यह बच्चे लगभग स्वस्थ हो चुके हैं। जिनकी विभाग की ओर से निगरानी की जा रही है।
वहीं, सीएमओ हरिद्वार डॉ.एसके झा ने बताया कि जिले में 14 बच्चे संक्रमित हुए हैं। सभी बच्चों का इलाज बाल रोग विशेषज्ञ कर रहे हैं। इन बच्चों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। 
अल्मोडा जिले की डॉ.मीनाक्षी ने कहा कि जिले में चार बच्चे कोरोना संक्रमित हैं। जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि चाइल्ड केयर वार्ड बनाने के आदेश होने पर इसकी व्यवस्था की जाएगी। 
इनके अलावा ऊधमसिंह नगर की ओर से बताया गया कि जिले में 15 से 18 आयु वर्ग के 40 बच्चे संक्रमित हुए हैं। सभी बच्चों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। बताया गया कि जिला अस्पताल में 40 बच्चों के लिए चाइल्ड केयर वार्ड की व्यवस्था है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या दस साल से कम उम्र के बच्चों के लिए है। कम उम्र के बच्चों को उनके माता-पिता के बिना आइसोलेशन में रखना कठिन होगा। उनके माता-पिता को भी पूरी सावधानी के साथ आइसोलेशन में बच्चों के साथ रहना होगा।
पौड़ी के डा. रमेश पंत ने कहा कि जिले में कोई बच्चा संक्रमित नहीं है। जिला अस्पताल में दस बच्चों के लिए एक वार्ड सुरक्षित किया गया है।

दिए ये निर्देश
बैठक में बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि जिन जिलों में बाल सुधार गृह बनाए गए हैं। उनमें प्रोवेशन अधिकारी एवं बाल कल्याण समिति के माध्यम से कोरोना किट व ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की जाए।
आयोग की अध्यक्ष ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, देहरादून एवं अन्य जिलों के सीएमओ व जिला अस्पताल के अधीक्षकों को बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए अपने सुझाव व समस्याओं से आयोग को अवगत कराने को कहा।

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