द्वितीय केदार मदमहेश्वर के लिए चली उत्सव डोली, कपाट उद्घाटन में 20 लोगों को अनुमति

रुद्रप्रयाग : पंच केदार में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की डोली आज शनिवार को धाम के लिए रवाना हो गई है। डोली 23 मई को गौंडार में रात्रि प्रवास करेगी, जबकि 24 मई सोमवार को विधिवत पूजा अर्चना व परम्परा के साथ छह माह के लिए मन्दिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। कोरोना के चलते इस बार भी डोली को गाड़ी से रांसी ले जाया गया। इससे पहले पिछले वर्ष भी डोली को वाहन से ले जाया गया था।
शनिवार सुबह मुख्य पुजारी ने भगवान का श्रृंगार करके भोग मूर्ति को उत्सव डोली में विराजमान किया गया। गद्दी स्थल में रावल भीमाशंकर लिंग ने पुजारी शिव लिंग को आंग्ल वस्त्र व पगड़ी पहनाकर छह माह तक धाम में निर्विघ्ननता पूर्वक पूजा सम्पन्न करने का संकल्प दिया। जिसके बाद रावल व पुजारियों द्वारा चल विग्रह डोली की आरती की गई। इसके बाद भगवान के निशानों के साथ चल विग्रह उत्सव डोली को सभामण्डप से बाहर लाया गया।
ओंकारेश्वर मन्दिर की तीन परिक्रमा व पुजारी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान की आरती करने के बाद डोली रावल की अगुवाई में मद्महेश्वर धाम के लिए प्रस्थान किया। डोली को ओंकारेश्वर मंदिर, डंगवाड़ी, ब्राह्मणखोली होते हुए मंगोलीचारी तक पैदल ले जाया गया। मंगोलीचारी में रावल भीमाशंकर लिंग व पुजारियों द्वारा भगवान की कपूर आरती की गयी जिसके बाद डोली धाम के लिए रवाना हुई।

20 लोगों की अनुमति
कोरोना के कारण प्रशासन द्वारा भगवान मद्महेश्वर के कपाट उद्घाटन के लिए पूजा एवं डोली यात्रा से जुड़े 20 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गयी है। इन लोगों में रांसी व गौंडार गांव के 7-7 व देवस्थानम बोर्ड के 6 कर्मचारी मौजूद हैं। इन सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कर निगेटिव रिपोर्ट आई है।

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