आईएमए देहरादून में कैडेटों के बीच हुई मारपीट की घटना पर सेना की गंभीरता, दिए कार्यवाही के आदेश

देहरादून : राजधानी दून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में कुछ महीने पहले कैडेट के बीच मारपीट हुई थी। जो कैडेट इसमें शामिल थे उन पर करवाई करने की मांग की है। मारपीट की घटना को सेना ने बड़ी गंभीरता से लेते हुए तजाकिस्तान के 6 और भारत के 4 कैडेट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बता दें कि  एक ओर जहां मामले में कैडेटों पर तो कार्यवाही हो ही रही है, वही कर्नल रैंक के एक अधिकारी करियप्पा बटालियन कमांडर को कई चूक के लिए दोषी ठहराया गया है।
मामला इस साल 24 फरवरी, 2 मार्च और 3 मार्च को आईएमए में हुई तीन घटनाओं से जुड़ा है। खबर के मुताबिक, 3 मार्च बुधवार रात को मामूली बात को लेकर कैडेटों के दो पक्षों में कहासुनी हो गई। ये कहासुनी कुछ ही देर में मारपीट में तब्दील हो गई। इस बीच दोनों पक्षों में जमकर लात-घूंसे चलने लग गए। कुछ ही देर में वहां काफी भीड़ एकत्रित हो गई। बाद में किसी तरह से दोनों पक्षों को शांत कराया गया। बताया जा रहा है कि मारपीट में कई कैडेटों को चोटें आई। 
सेना ने घटनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की और करियप्पा बटालियन और हाजीपीर कंपनी के अधिकारियों के आचरण में कमी पाई गई। इसके फल स्वरूप मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो अधिकारियों के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज एक प्रशासनिक दंड है।
सेना ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में जेंटलमैन कैडेट्स  के प्रशिक्षण में शामिल इन सैन्य अधिकारियों को प्रशासनिक सजा क्यों नहीं दी जाए जिसमें कर्नल रैंक के एक बटालियन कमांडर भी शामिल हैं। 
आईएमए प्रशासन ने मारपीट की पुष्टि करते हुए बताया कि बुधवार रात को प्री-कमीशन ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेटों में मारपीट हुई थी। इसके बाद तजाकिस्तान के 6 जैंटलमैन कैडेट और भारत के चार जैंटलमैन कैडेट के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं। बताया गया है कि 3 मार्च को कैडेटों के बीच लोहे की छड़, लकड़ी के तख्तों, लाठी और पत्थरों से लड़ाई हुई थी। इस संघर्ष के बाद तजाकिस्तान के राजदूत ने भी आईएमए का दौरा किया था। इसके बाद मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश भी दिए गए थे।
खबर है कि कर्नल रैंक के एक अधिकारी को भी इस मामले के लिए दोषी ठहराया गया। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया। खैर इस घटना को सेना ने गंभीरता से लिया है। कुल मिलाकर 10 जैंटलमैन कैडेट के खिलाफ कड़े एक्शन के आदेश दिए हैं।

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