उत्तराखंड में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावों को मिली मंजूरी, पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड : राज्य में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत वन विभाग विभिन्न प्रभागों में विकास कार्य कराएगा। इस योजना के लिए ईको टूरिज्म कोर कमेटी की ओर से 80 लाख रुपये की मंजूरी दी गई हैं। राज्य के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि इस योजना के तहत पिछले दिनों हुई ईको टूरिज्म कोर कमेटी की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी भी दी गई है।
इस धनराशि को प्रभागों के वनाधिकारियों को जारी करने का निर्देश दिया गया है। आपको बता दें की इसमें मुख्यमंत्री की घोषणाओं के प्रस्तावों को भी मुख्यरूप से शामिल किया गया है।
राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक (हौफ) कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत स्वीकृत धनराशि संबंध वन प्रभागीय अधिकारियों को जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे राज्य के ईको सिस्टम को सुधारने, पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

योजना के तहत ये होने हैं काम :
1. बार्सू से दयारा बुग्याल व रैंथल से दयारा बुग्याल ट्रैक के सुदृढ़ीकरण के लिए दस लाख रुपये स्वीकृत।
2. चंद्रबनी खालसा में कुमाऊंनी मंदिर के पास ईको पार्क का निर्माण के लिए 15.83 लाख रुपये स्वीकृत।
3. क्यारी नागटिब्बा से सुरकंडा तक पैदल ट्रैक के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये स्वीकृत। 
4. तराई पश्चिम वन प्रभाग के अंतर्गत फांटो क्षेत्र में सफारी जोन के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये स्वीकृत।
5. भराड़ीसैंण में ईको ट्रैक और ईको पार्क की स्थापना के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत। 
6. नागटिबा में व्यू प्वाइंट निर्माण व ताल की सफाई व सौंदर्यीकरण के लिए 19 लाख रुपये स्वीकृत।

ऋषिकेश की संजय झील का होगा उद्धार
राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत ऋषिकेश स्थित संजय झील का उद्धार भी हो सकेगा। इसके लिए शुरुआती चरण में 10 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। हालांकि यह राशि झील के उद्धार के लिए काफी कम है। ऋषिकेश के पर्यटन के नजरिये से देखा जाये तो झील का सौंदर्यीकरण होना बहुत जरुरी है। यदि झील के उद्धार की यह कवायद आगे बढ़ती है तो ऋषिकेश को एक ओर पर्यटन स्थल मिल जाएगा। जो यहां के पर्यटन व्यापार को चार चांद लगा देगा।

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