उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर लगा प्रतिबंध, जलाभिषेक के लिए बैठक में लिया ये फैसला

देहरादून: कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2020 में यात्रा को स्थगित किया गया था और अब 2021 में भी शासन स्तर पर यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। कांवड़ यात्रा प्रतिबंध होने पर शिवभक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए जलाभिषेक के लिए बैठक में एक विशेष विकल्प पर भी विचार किया गया है। इसके तहत क्षेत्र विशेष के लोग टैंकर से गंगाजल ले जा सकते हैं। इस टैंकर से जल लेकर स्थानीय मंदिरों में जलाभिषेक किया जा सकता है।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित समन्वय बैठक में कई योजनाएं बनाई गईं। पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड अशोक कुमार ने बताया कि 23 जुलाई से छह अगस्त तक चलने वाली कांवड़ यात्रा पर यदि पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहता है तो दूसरे राज्यों के कुछ लोग पुलिस की अनुमति के बाद एक टैंकर लेकर हरिद्वार आएंगे और गंगाजल भरकर ले जाएंगे। जिसे वहां के अलग-अलग गांवों में वितरित किया जाएगा।
इसके अलावा प्रत्येक थाना स्तर पर तैयारी की जाने की जरूरत है। ग्रामीण अपने क्षेत्र के थानों से गंगाजल के लिए संपर्क कर सकेंगे। थाना पुलिस अपने क्षेत्र की कांवड़ समितियों के साथ बैठक करेगी। इसके बाद यदि उस क्षेत्र से एक हजार लोग कांवड़ लेकर आते हैं, उनमें से प्रतिनिधि के रूप में कुछ लोग टैंकर से गंगा जल ले जा सकते हैं।
इसमें हरिद्वार पुलिस प्रशासन भी सहयोग करेगा। इससे न तो बेवजह भीड़ होगी और न ही आदेशों का उल्लंघन होगा। इस विकल्प पर लगभग सभी अधिकारियों ने सहमति जताई है। 

सील किये जाएंगे बॉर्डर
हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सावन महीने में यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर सील कर दिया जाएगा। 
उन्होंने चेताया कि प्रतिबंध के बाद भी कांवड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं पर महामारी एक्ट में केस दर्ज किया जाएगा। ऐसे श्रद्धालुओं से पुलिस द्वारा सख्ती से निपटा जाएगा। विदित है कि कुंभ मेले के दौरान रियायत दिए जाने की वजह से सरकार को किरकिरी का सामना करना पड़ा है। इसलिए सरकार ने ऐहतियातन कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है।
डीजीपी ने सभी शिवभक्तों से अपील है कि वह अपने आसपास के शिवालयों में ही जल चढ़ाएं। कोरोना संक्रमण से खदु को बचाएं और दूसरों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखें। बैठक में पंजाब, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों के पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य दो बार्डरों पर रहेगी सख्ती
कांवड़ यात्रा में सबसे अधिक श्रद्धालु हरियाणा व उत्तर प्रदेश के रहते हैं। 2019 में करीब तीन करोड़ कांवडिय़े हरिद्वार पहुंचे थे, जिनमें 31 फीसद हरियाणा व 27 फीसद उत्तर प्रदेश के थे। ऐसे में पुलिस की ओर से इस बार नारसन व मंडावली बार्डर पर अधिक सख्ती बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा खानपुर, सहारनपुर, नजीबाबाद व पांवटा साहिब बार्डर पर भी सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

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