संस्कृति के संरक्षण में मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है - मुख्यमंत्री धामी

बागेश्वर - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बागेश्वर में उत्तरायणी मेले के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि संस्कृति के संरक्षण में मेलों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बागेश्वर में लगने वाले उत्तरायणी मेले का संस्कृति व धार्मिक महत्व है। इससे पूर्व सांसद अजय टम्टा व जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, विधायक सुरेश गड़िया तथा पार्वती दास समेत जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मेले का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस बार की मकर संक्रांति व माघ माह बेहद खास है क्योंकि इस बार अयोध्या में प्रभु श्री राम विराजमान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक मेला, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बद्री दत्त पांडे समेत कई सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से कुली बेगार जैसी कुप्रथा का अंत हुआ। उन्होंने उत्तराखण्ड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति का योगदान और स्वच्छता को संस्कार के रूप में अपनाने की अपील की। कार्यक्रम से पूर्व तहसील परिसर में विभिन्न विद्यालयों के बच्चों तथा विभिन्न सांस्कृतिक दलों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक झांकी का प्रदर्शन किया गया। जिसका शुभारम्भ महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट ने किया। मेले के शुभारंभ अवसर पर ब्लॉक प्रमुख बागेश्वर पुष्पा देवी, ब्लॉक प्रमुख गरुड़ हेमा बिष्ट, जिलाध्यक्ष भाजपा इन्द्र सिंह फर्स्वाण, पूर्व विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, कुंदन परिहार, पूर्व जिपं अध्यक्ष दीपा आर्या व विक्रम शाही आदि उपस्थित रहे।

 

 

 

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