11 महीने बाद आवाजाही के लिए खुला भारत-नेपाल बॉर्डर, कोविड निगेटिव होना जरूरी

उत्तराखंड : राज्य के चंपावत जिले स्थित टनकपुर बनबसा से लगी भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर को 11 महीने बाद आवाजाही के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है। इस संबंध में डीएम विनीत तोमर की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि जिला प्रशासन के आदेश अनुसार फिलहाल बनबसा बॉर्डर को आवाजाही के लिए खोला गया है, जबकि टनकपुर बैराज से आवाजाही में अभी 10 से 15 दिन लग सकते हैं।
एसडीएम हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि व्यापारी लंबे समय से बॉर्डर खोलने की मांग कर रहे थे। बुधवार को बनबसा केनाल गेस्ट हाउस में बैठक के दौरान व्यापारियों ने डीएम के समक्ष यह मुद्दा उठाया था। सीमा सील होने से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए डीएम ने नेपाल से लगी जिले की सीमाओं को खोलने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर एसएसबी और नेपाल पुलिस आवाजाही करने वाले लोगों की रजिस्ट्रेशन में मदद करेगी कि किस प्रकार आवाजाही करनी है। 

ये होंगे नियम :
हर व्यक्ति को एक क्यूआर कोड मिलेगा और कोविड की जांच अनिवार्य होगी। सीमा खुलने से अब दोनों देशों के नागरिकों के साथ ही पूर्णागिरि मेले में आने वाले श्रद्धालु भी बाबा सिद्धनाथ के दर्शन के लिए आ-जा सकेंगे, लेकिन उन्हें सीमा पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा।
नेपाल की यात्रा के लिए नेपाल सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इसके अनुसार, नेपाल जाने वाले भारतीय और अन्य देशों के नागरिकों को यात्रा के दौरान कैश एंड बेयरर की एडवाइजरी का पालन करना होगा। यात्रा के दौरान इन्हें पांच हजार नेपाली रुपये और पांच हजार अमेरिकी डॉलर ही रखने की अनुमति होगी।
इससे अधिक धनराशि होने पर नेपाल में प्रवेश के दौरान सरहद पर ही कैश एंड बेयरर निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट फॉर्म भरना होगा। अन्यथा पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई होगी। नेपाल के भैरहवा स्थित भंसार कार्यालय बेलहिया द्वारा नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है। भैरहवां भंसार सूचना अधिकारी तीर्थ पासवान ने बताया कि जल्द ही कस्टम कार्यालय पर इसके लिए अलग से डेस्क की स्थापना भी की जाएगी।

0 Comments

Leave a Comment

ताजा पोस्ट