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एक दिन में 10 हजार श्रद्धालु कर सकेंगे पूर्णागिरि के दर्शन, एसओपी हुई जारी
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चम्पावत : इस बार होने वाले पूर्णागिरि मेले में एक दिन में अधिकतम 10 हजार श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति मिलेगी। मेले में आने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य रूप से कराना होगा।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर चम्पावत जिला प्रशासन ने एसओपी जारी कर दी है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पंजीकरण कराने के साथ ही सुरक्षित दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का भी प्रयोग करना अनिवार्य होगा। पहली बार मेले में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित की गई है। नहीं तो इससे पहले तक मेले में एक दिन में लाखों भक्त मां के दर्शन करते थे।
30 मार्च से शुरू होकर 30 अप्रैल तक चलने वाले मेले में श्रद्धालुओं को कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना होगा। श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य होगा। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। सेनिटाइजर आदि की व्यवस्था भी खुद करनी होगी।
यहां करना होगा रजिस्ट्रेशन
एसओपी के मुताबिक श्रद्धालुओं को https://mvcdeveloper.uttaraonline.in/purnagiri और https://champawat.nic.in वेबसाइट पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और ऑनलाइन पोर्टल पर एक दिन में सिर्फ 10 हजार श्रद्धालुओं के ही पंजीकरण होंगे। धाम क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ठहराने वाले दुकान और धर्मशाला संचालकों को भी श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करवानी होगी।
साथ ही वनाग्नि से बचने को श्रद्धालु जंगल में भोजन नहीं बना सकते। नियमों की अवहेलना करने पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 60 वर्ष से अधिक, गर्भवती महिला और दस साल से कम उम्र के बच्चों को यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है।
एक हफ्ते में ही बंद हो गया था 2020 का मेला
बता दें कि 2020 में मां पूर्णागिरि धाम का 11 मार्च से शुरू होकर 97 दिनों तक चलने वाला मेला कोरोना के चलते एक हफ्ते में ही बंद हो गया था। मेला नहीं होने से क्षेत्र में कई करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ था। इस वजह से चुनरी, त्रिशूल, धूप-अगरबत्ती, नारियल, प्रसाद से लेकर बाल मुंडन, पार्किंग, यातायात, होटल कारोबार, खानपान, वाहन व्यवसाय आदि बुरी तरह प्रभावित हुआ।
चंपावत जिले में कोरोना महामारी में काफी हद तक काबू कर लिया गया है। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर मेले की अवधि को एक माह किया गया है। मेला मजिस्ट्रेट टनकपुर के एसडीएम हिमांशु कफल्टिया का कहना है कि मेले के आध्यात्मिक पक्ष के साथ कोरोना से बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। एसओपी में भी इन्हीं बिंदुओं पर ध्यान रखा गया है।
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